वैसे तो छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति, रीति-रिवाज और मिठास भरी छत्तीसगढ़ी बोली के आधार पर राष्ट्र स्तर में भी अपना एक विशेष पहचान रखता है। छत्तीसगढ़ नाम लेते ही दूसरे राज्य के लोगों के मन में यहां की मधुर संगीत,करमा,सुआ-नृत्य, लोकगीत,परम्पराओं से परिपूर्ण रीति-रिवाज और यहां की छत्तीसगढ़ी बोली तथा दर्शनीय स्थल की तस्वीरें, लोगों के मन में मधुरता की संचार करने लगती है। जिससे लोग बहुत आनंदित होते हैं। यहां के लोग स्वयं को इस राज्य के नागरिक होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं।इनकी यहां एक कहावत है बहुत प्रसिद्ध है "*छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।* धान उत्पादन में अग्रणी राज्य होने पर इसे *धान का कटोरा* भी कहा जाता है।छत्तीसगढ़ 1 नवंबर सन् 2000 को मातृ राज्य मध्यप्रदेश से पृथक होकर स्वतंत्र अस्तित्व में आया। सेवा संस्थान सत्यमेव जयते क्लब कवर्धा अध्यक्ष देवसिंह धुर्वे, इस बार ग्राम स्तर पर भी राज्योत्सव कार्यक्रम को मनाने का जिज्ञासा व्यक्त करते हुए ग्राम तितरी में 1 नवंबर 2024 को मनाने का ऐलान कर दिया है।
*तितरी में राज्योत्सव मनाना दो कारणों से खास हैं.....*
देवसिंह धुर्वे के अनुसार इसलिए खास है क्योंकि तितरी छत्तीसगढ़ का अंतिम सीमा क्षेत्र है वहीं मध्यप्रदेश से जुड़ा हुआ भी है। जहां, हर-दिन दोनों राज्य के लोगों का मिलना-जुलना होता रहता है। जिसे स्पष्ट रूप से देखा भी जा सकता है।और दूसरा इसलिए खास है कि, यह वनांचल क्षेत्र है जहां लोग शहरों और नगरों से मीलों दूर जंगल और पहाड़ों के बीच बसी बस्तियों में अपने जीविकोपार्जन के लिए अपने कार्य में लगे रहतें हैं। साथ ही स्वभाव के सरल व सहज होतें हैं।
लेकिन हाल ही में लोहारीडीह की चौंकाने और झकझोर कर देने वाली घटना जब सामने आई तो यकीन करना बेहद मुश्किल रहा। कि क्या ऐसी घटना या वारदात को यह क्षेत्र अंजाम दे सकता है..??
इन्हीं कारणों का उत्तर खोजते हुए क्लब कवर्धा अध्यक्ष देवसिंह धुर्वे ने राज्योत्सव कार्यक्रम को वनांचल क्षेत्र तितरी में मनाना खास बताया है। जिससे लोग आपस में जुड़े, एक-दूसरे का परस्पर सहयोग करें,और सिससे लोगों में आपसी बंधुत्व व भाईचारा जैसे भावना प्रस्फुटित हो सके।
उन्होंने अपने क्लब के अन्य सदस्यों के माध्यम से कार्यक्रम की रुपरेखा भी तैयार कर ली यह कार्यक्रम 1 नवंबर 2024 को दोपहर 2 बजे से शुरू की जाएगी।
कार्यक्रम में शामिल होंगे शिक्षक, ग्राम के समस्त ग्रामवासी,शहर गये कमाने,वापस आए मजदूर, किसान और बच्चे। जिसमें छत्तीसगढ़ से सम्बंधित गीत-कविताएं,नृत्य और मजेदार खेल भी खेले जाएंगे। अंतिम में शिक्षक लोगों का भाषण भी होगा ।
रिपोर्टर:- लालसिंह मरकाम 6268888048
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