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*एक पिता को अपने बच्चे का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा: जबलपुर मेडिकल कॉलेज से नहीं मिला शव वाहन; बस से डिंडौरी पहुंचे माता-पिता*

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*एक पिता को अपने बच्चे का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा: जबलपुर मेडिकल कॉलेज से नहीं मिला शव वाहन; बस से डिंडौरी पहुंचे माता-पिता*

 *एक पिता को अपने बच्चे का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा: जबलपुर मेडिकल कॉलेज से नहीं मिला शव वाहन; बस से डिंडौरी पहुंचे माता-पिता*



मध्य प्रदेश में नहीं मिली एंबुलेंस, थैले में शव रख तय किया 150 किलोमीटर का सफर, इस पिता की बेबसी देखिए



 मध्य प्रदेश के जबलपुर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. मृत नवजात के शव को ले जाने के लिए जब कोई साधन नहीं मिला तो पिता थैले में बच्चे का शव रखकर अपने घर डिंडौरी पहुंचा.


परिजनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 जून को सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी बाई ने जिला चिकित्सालय में नवजात को जन्म दिया। बच्चा कमजोर था और उसका उपचार जिला चिकित्सालय डिंडोरी में संभव न होने के चलते बच्चे को मेडिकल कालेज जबलपुर रिफर कर दिया गया, जहां नवजात की मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद उन्हें बच्चे का शव वापस डिंडोरी तक लाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कोई साधन मुहैया नहीं करवाया। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी दंपत्ति निजी वाहन की व्यवस्था करने में सक्षम था। बेबस परिजन बस से डिंडोरी आने को मजबूर थे और सार्वजनिक वाहन से शव को लेकर आना संभव नहीं था। तब बेबस परिजनों ने नवजात बच्चे के शव को थैले में छिपा कर रख लिया ताकि बस संचालक और सहयात्रियों को इसकी जानकारी न लगे और वे बस से डिंडोरी पहुंच सके। आरिफ रजा की रिपोर्ट

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