जिला हॉस्पिटल कवर्धा से माया दुबे का बिलासपुर ट्रांसफर मामला
जिला हॉस्पिटल कवर्धा से माया दुबे (स्टाफ नर्स) का ट्रांसफर सिम्स बिलासपुर विगत वर्ष 11/9/24 को हो चुका है और उक्त आदेश के परिपालन मे CMHO का आदेश भी आया है कि उन्हें रिलीफ किया जाए। लेकिन सिविल सर्जन डाक्टर केशव धुर्व मनमानी करउन्हें रिलीफ नहीं कर रहे हैं जो कि स्वयं चिकित्सालय जशपुर विगत सत्र 14/8/24 से स्थानांतरित है
केशव धुव और योगेश साहू का ट्रांसफर आदेश
मामले के मुख्य बिंदु:
- *स्थानांतरण आदेश*: माया दुबे को शासन के आदेश से हुआ है जिसके बाद 6 माह का स्थगन टाइम बच्चो के शैक्षणिक सत्र के आधार पर हाईकोर्ट से मिला था शिकायत के बाद CMHO के आदेश है की उनको रिलीफ किया जाए लेकिन ऐसा क्या बात है कि रिलीफ नही किया जा रहा है वैसे तो एक और कर्मचारी ममता बागड़े को उसके घर मे नोटिस चिपका के 2 दिन में रिलीफ किया गया था सिविल सर्जन द्वारा इसके लिए क्यो ऐसा छूट दिया जा रहा है कही न कही कुछ तो मामला है ।
- *रिलीफ में देरी*: सिविल सर्जन केशव धुर्व माया दुबे को रिलीफ नहीं कर रहे हैं जबकि सभी कर्मचारियों को 2 दिन में किये हैं।
- *स्थानांतरण नीति का उल्लंघन*: इससे पहले भी जिला कबीरधाम में स्थानांतरण नीति 2025 के उल्लंघन का मामला जिसका शिकायत प्रधानमंत्री तक हुआ था जिसके बाद सिर्फ माया दुबे को ही रिलीफ करना है उसको भी केशव धुव बचाने में लगे हैं ये रिश्ता क्या कहलता है सभी का शिकायत हुआ था जिसमें केशव धुर्व, योगेश साहू और माया दुबे शामिल थे ईसके साथ ही ईनकी कारस्तानी यही खत्म नही होती ईनके द्वारा शासन के संलग्नीकरण नही करने के निर्देश व cmho के आदेश को भी कुडेदान मे डालकर जिला अस्पाल मे कई डाक्टर व कर्मचारीयो को संलग्न किये बैठे है ,,,
माया दुबे की ट्रांसफर आदेश और हाल ही में cmho कवर्धा का रिलीफ आदेश
निष्कर्ष
यह मामला प्रशासनिक प्रक्रिया और स्थानांतरण नीति व संलग्नीकरण समाप्ती के पालन से जुड़ा है। सिविल सर्जन केशव धुर्व द्वारा माया दुबे को रिलीफ नहीं करने से प्रशासनिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। इस मामले पर उच्च अधिकारियों की नजर हो सकती है ताकि स्थानांतरण नीति का सही ढंग से पालन हो सके।